E-Peek Pahani ऐप पर मिलेगा किसानों की हर समस्या का समाधान, जानें पूरी डिटेल



किसानों का जीवन स्तर सुधारने और उनकी आमदनी बढ़ाने पर केंद्र समेत तमाम राज्य सरकारें काम कर रही हैं. सरकार किसानों की तरक्की के लिए तकनीकों को आधार बना रही है. इस कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसमें किसानों को अपनी कई समस्याओं का समाधान मिलेगा. राज्य सरकार ने ई-पीक पाहणी (E-Peek Pahani) मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. यह ऐप टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) ने विकसित किया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि राज्य सरकार का पीक पाहणी मोबाइल ऐप किसानों की समस्याएं कम करेगा, उनके उत्पादों का सही दाम और एक बेहतर बाजार मुहैया कराने में मदद करेगा. 

मुंबई में अपने सरकारी आवास पर हुई बैठक में फसलों को सर्वेक्षण के लिए विकसित किए गए ऐप पर चर्चा करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार की कोशिश है कि राज्य के किसानों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ease of doing business) किसानों के लिए भी जरूरी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौ तालुकों के किसान इस एप्लीकेशन से जुड़ चुके हैं और उनकी फसलों का तमाम डाटा इस पर अपलोड भी हो चुका है.

ई-पीक पाहणी ऐप के अलावा आज तमाम ऐसे ऐप्स हैं जो खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं. इन ऐप्प पर किसानों को फसलों की बुलाई, कटाई, फसल प्रबंधन, मंडी में फसल की बिक्री, पशुपालन से जुड़े तमाम कामों की वैज्ञानिक जानकारी मिलती रहती है. 

रबी फसलों की एमएसपी में इजाफा
केंद्र सरकार ने किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए रबी की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा किया है. सरकार ने गेहूं के दामों में 50 रुपये, चने में 225 रुपये, मसूर में 300, सरसों में 225, जौ में 75 और कुसुम की कीमतों में 112 रुपये प्रति क्विंटल इजाफे का ऐलान किया है. एमएसपी में इजाफे के बाद के बाद गेहूं की सरकारी खरीद के दाम 1975 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं. चना और मसूर की सरकारी खरीद 5100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी.

2019 और 2021 के दौरान किसानों को आपदा राहत मुहैया कराने में काफी मुश्किलें आईं। आपदा से निपटने में किसानों की कई समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने ई-फसल सर्वेक्षण ऐप लॉन्च किया है। (ई पिक पहानी)

पिछले साल सरकार ने 'माई एग्रीकल्चर, माई सतबारा, माई पिकपेरा' के नारे के आधार पर 15 अगस्त से फसलों की सिंचाई शुरू कर दी थी। यह परियोजना राज्य के राजस्व विभाग और कृषि विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जा रही है। कई किसानों ने सरकार की परियोजना पर प्रतिक्रिया दी है।

मोबाइल फसल निगरानी एप के माध्यम से फसल के पानी को कैसे रिकॉर्ड करें

सबसे पहले मोबाइल में google play store में जाएं और e pik pahani ऐप डाउनलोड करें।

इसके बाद, खाताधारक आपको उस व्यक्ति के नाम का चयन करने के लिए कहेगा जिसके नाम पर जमीन है, और एक ओटीपी नीचे आएगा। इसके बाद फसल बुवाई सूचना अनुभाग में अपना भूमि सर्वेक्षण संख्या / संख्या / समूह संख्या चुनें।

जब आप अपना ग्रुप नंबर चुनते हैं तो आपकी जमीन के कुल क्षेत्रफल और खराब क्षेत्र की सारी जानकारी प्रदर्शित होगी।

उसके बाद आपको चुनना है कि आपका मौसम क्या है आप खरीफ या पूरे साल में से मौसम चुन सकते हैं।